बिखरी किताबें भीगे पलक और ये तन्हाई,
कहूँ कैसे कि मिला मुहब्बत में कुछ भी नहीं!!
वो जिसकी याद मे हमने खर्च दी जिन्दगी अपनी,
वो शख्श आज मुझको गरीब कह के चला गया!!
निकाल दिया उसने हमें अपनी ज़िन्दगी से भीगे कागज़ की तरह,
ना लिखने के काबिल छोड़ा, ना जलने के!!
किस दर्द को लिखते हो इतना डूबकर,
एक नया दर्द दे दिया है उसने ये पूछकर!!
जरूरी नहीं की हर बात पर तुम मेरा कहा मानों,
दहलीज पर रख दी है चाहत, आगे तुम जानो!!
काश के वो लोट आये मुझसे ये कहने,
कि तुम कोन होते हो मुझसे बिछड़ने वाले!!
नहीं करेंगे आज के बाद कभी मन्नते तुम्हारी,
खुदा जब राज़ी होगा तब तुम तो क्या हर चीज़ मेरी होगी!!
अगर तुम्हें पा लेते तो किस्सा इसी जन्म में खत्म हो जाता,
तुम्हे खोया है तो, यकीनन कहानी लम्बी चलेगी!!
तेरी बेरुखी ने छीन ली है शरारतें मेरी,
और लोग समझते हैं कि मैं सुधर गया हूँ!!
जिस जिस ने मोहब्बत में, अपने महबूब को खुदा कर दिया,
खुदा ने अपने वजूद को बचाने के लिए, उनको जुदा कर दिया!!
फिर किसी मोड़ पर मिल जाऊँ तो मुहँ फेर लेना तुम,
पुराना इश्क़ हूँ, फिर उभरा तो कयामत होगी!!
तोड़ दिया इन कंपनी वालो ने ख़्वाब तुझे पाने का,
कहते है तेरा नंबर भी मेरी पहुंच से बाहर है!!
तकलीफ ये नही के किस्मत ने मुझे धोखा दिया,
मेरा यकीन तुम पर था किस्मत पर नहीं!!
खुद को माफ़ नहीं कर पाओगे,
जिस दिन जिंदगी में हमारी कमी पाओगे!!
वो कतरा-कतरा मुझे तबाह करते गये, हम रेशा-रेशा उनपे निसार होते गए!!
देखती रहती हूँ हाथों की लकीरों को दिन रात, यार का दीदार कहीं लिखा हो शायद!!
बडा जालिम है साहब, दिलबर मेरा, उसे याद रहता है, मुझे याद न करना!!
रंग तेरी यादों का उतर न पाया अब तक, लाख बार खुद को आँसुओं से धोया हमने!!
जिंदगी में बेशक हर मौके का फायदा उठाओ, मगर, किसी के भरोसे का फ़ायदा नहीं!!
सोच रही हूँ कुछ ऐसा लिखू की वो, पढ़ के रोये भी ना और रातभर सोये भी ना!!
तुम्हें ही सहना पडेगा गम जुदाई का, मेरा क्या है मैं तो मर जाउंगी!!
जब सपना टूटता है तो सिर्फ सपना ही नहीं टूटता उसके साथ उम्मीद भी टूट जाती है!!
तुझे खोने के डर से शायद हम मर जायँगे,
तुम याद करोगे फिर मुझे लेकिन हम वापस नही आएंगे!!
तेरी नियत नहीं थी साथ चलने की,
वरना साथ निभाने वाले रास्ता देखा नहीं करते!!
वो बड़े ताज्जुब से पूछ बैठा मेरे गम की वजह,
फिर हल्का सा मुस्कराया, और कहा, मोहब्बत की थी ना!!
हमसे बिछड़कर अब वो खुश रहने लगे है,
अफ़सोस की हमने उनकी ये ख़ुशी छीन रखी थी!!
इतना दर्द तो खुदा ने भी नहीं लिखा होगा,
मेरी क़िस्मत में, जितना दर्द तूने मुझे प्यार कर के दिया है!!
तेरे सिवा कौन समा सकता है मेरे दिल में,
रूह भी गिरवी रख दी है मैंने तेरी चाहत में!!
भूली बिसरी सभी यादें जला जाऊंगा, थोड़ा दर्द थम जाने दो, मैं चला जाऊंगा!!
मुझको छोड़ने की वजह तो बता देते, मुझसे नाराज थे या मुझ जैसे हजारों थे!!
सिर्फ़ दो ही गवाह थे मेरी वफ़ा के, एक वक्त जो गुज़र गया और एक वो जो मुकर गया!!
दो कश मोहब्बत के क्या लिये, जिंदगी ही धुँआ धुँआ हो गई!!
दिल से बड़ी कोई क़ब्र नहीं है, रोज़ कोई ना कोई एहसास दफ़न होता है!!
बड़ी अजीब है ये मोहब्बत, वरना अभी उम्र ही क्या थी शायरी करने की!!
वहम था कि सारा बाग अपना है तूफ़ान के बाद, पता चला सूखे पत्तों पर भी हक हवाओं का था!!
मेरे बिना रह ही जाएगी कोई न कोई कमी, तुम जिंदगी को जितनी मर्जी सँवार लेना!!
सुनना चाहते है एक बार आवाज उनकी मगर बात करने का बहाना भी तो नहीं आता मुझे!!
एक चाहत थी तेरे साथ जीने की, वरना, मुहब्बत तो किसी से भी हो सकती थी!!
हमे मालूम था अपनी दिल्लगी का नतीजा,
तभी मोहब्बत से पहले शायरी सीखी है हमने!!
ना रोक कलम मुझे दर्द लिखने दे,
आज तो दर्द रोयेगा या फिर दर्द देने वाला!!
ज़्यादा कुछ नहीं बदला उसके और मेरे बीच,
पहले नफरत नहीं थी और अब प्यार नहीं है!!
लगाई तो थी आग उसकी तस्वीर में रात को,
सुबह देखा तो मेरा दिल छालों से भरा पड़ा था!!
बड़ी तब्दीलिया लाया हूँ अपने आप मे लेकिन,
बस तुमको याद करने की वो आदत अब भी है!!
वो मेरा वहम था कि मैँने उसे, अपना हमसफर समझा,
वो चलता तो मेरे साथ था पर किसी और की तलाश में!!
मोहब्बत की शतरंज में वो बड़ा चालाक निकला,
दिल को मोहरा बना कर हमारी जिन्दगी छीन ली!!